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दूसरे दिन ब्राह्म-मुहूर्त्त में निद्रा त्याग कर मुनि विश्वामित्र तृण शैयाओं पर विश्राम करते हुये राम और लक्ष्मण के पास जा कर बोले, हे राम और लक्ष्मण! जागो। रात्रि समाप्त हो ...